HINDI POEM-on Mother

Sep 30, 2024 | Teacher Spotlights

  माँ तुम स्वयं में ही संपूर्ण हो (poem on Mother) माँ तुम स्वयं में ही संपूर्ण हो कोई कविता, कोई आख्यान कहाँ बांध पाया है तुम्हारी ममता को, तुम्हारे सच्चे त्याग और समर्पण को कोई गीत कहाँ गा पाएगा तुम्हारे निस्वार्थ वात्सल्य की गाथा को फिर भी जब माँ के प्रति आभार व्यक्त करने का भाव आए तो ये शब्द ही सहारा बनते हैं ये बोल ही दिल की गहराइयों को बयान करते हैं कभी कभी हम आभार व्यक्त करने में इतनी देरी कर देते हैं कि हमारे पास शब्द और भाव तो होतें है लेकिन उनको सुनने के लिए माँ के कान नहीं होतें…माँ नहीं होती…. इसलिए जब दिल करे अपनी माँ के गले लगकर बता दिजिए कि आपके लिए वो अनमोल हैं क्या पता कल हो ना हो…. ** माँ बनकर ही सही मायने में जान पायी हूँ कि आखिर माँ क्या होती है… उसकी ममता…उसका वात्सल्य…उसका निस्वार्थ समर्पण क्या होता है। अब समझ पाती हूँ कि मैं जब पेट भर खाना खा लेती थी तो माँ का पेट बिन खाएं ही क्यों भर जाता था… मैं नए कपड़े पहनकर जब इठलाती थी तो माँ की आंखों में चमक क्यों होती थी…. मेरा रिजल्ट अच्छा आता था तब माँ फू ली क्यों नहीं समाती थी… और …और…जब उदास मैं होती थी तब चेहरा माँ का क्यों उतर जाता था…. न जाने कितनी ही बातें और कितनी ही यादें बिखरी हैं बेहिसाब… सिमटें है अनगिनत लम्हें अतीत के आंचल में…. मेरी स्वर्गीय माँ और सभी माँओं को समर्पित 

By Ms Rachael Charles, Hindi Teacher

Hobby Classes Image

Online Hobby Classes:
Boost Your Child's Creativity!

Enroll in Hobby Classes: Drawing, Digital Art, Animation, and Coding.

Give your child the skills to create, innovate, and shine! Join now at www.ArtsFilmAcademy.com

OUR SOCIAL LINKS

LATEST POST

Pin It on Pinterest