तीन अक्षरों का नाम” परीक्षा में न जाने क्या जादू है कि इसे सुनते ही अच्छे अच्छे के पाँव काँप उठते हैं | परीक्षा के दिनों में न खाने का होश रहता है न आराम करने का समय। कोई कहता है मैं रात भर हिन्दी रटता रहा लेकिन सुबह दिमाग से सब साफ, किसी को गणित (मैक्स) के सवालों का भय तो किसी को भूगोल के मानचित्रों का इर किसी को अग्रेजी इरा रही थी, तो अन्य को कन्नड़ के रुप। परीक्षा के दिनी मै बच्चे ही नहीं पूरा परिवार परेशान रहता है। बच्चे देर रात तक पढ़ते रहते हैं। अगले दिन परीक्षा से स्या आने वाला है, सोचकर परेशान होते रहते हैं। हमें इन दिनों एक फायदा अवश्य होता है। हम माँ बाप से जो भी माँगे मिल जाता है। हमारी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है
-Ms Padmavati. Naik, Hindi Teacher